दीपावली रोशनी और तरक्की का त्योहार है - रणविजय सिंह मोहन
भारत त्योहारों का देश है, यहां कई प्रकार के त्योहार पूरे साल ही आते रहते हैं लेकिन दीपावली सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा पर्व होता है। इस त्योहार का बच्चों और बड़ों को पूरे साल इंतजार रहता है। कई दिनों पहले से ही इस उत्सव को मनाने की तैयारियां शुरू हो जाती है।
इस दिन भगवान श्रीराम,माता सीता और भ्राता लक्ष्मण चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अपने घर अयोध्या लौटे थे। इतने सालों बाद घर लौटने की खुशी में सभी अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से दीपों के त्योहार दीपावली मनाया जाने लगा।
यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या की अंधेरी रात जगमग असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है।यह त्योहार लगभग सभी धर्म के लोग आपस मिलकर मनाते हैं,जो हमारे भारत के गंगा-जमुनी का प्रतीक है।
दिवाली का मुख्य दिन लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है,और प्रार्थना की जाती है कि हमारे जीवन में खुशहाली एवं तरक्की आए।
इसी क्रम में...
दिपावली के पूर्व पर कुशीनगर जनपद के हाटा विधानसभा के बखराबाद और बस्तापुर के दलित बस्तियों में जाकर गरीब परिवारों में छोटा सा उपहार दिया जिससे वो लोग भी दीपावली मना सकें,और साथ ही उन सभी परिवारों को दीपावली शुभकामनाएँ भी दिया और माताओं-बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लिया।
इस मुहिम से जुड़ते हुए हाटा विधानसभा के तमाम समाजवादी युवाओं ने भी गरीब परिवारों को दीपावली का उपहार दिया।
और मैंने इस मुहीम को बढ़ाते हुए हाटा विधानसभा के विभिन्न गाँवो में जाकर लोगों से मिला और लक्ष्मीजी के पंडालों में जाकर पूजन कार्यक्रम में भाग लिया।
और राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री अखिलेश यादव जी निर्देश पर लखीमपुर के शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए “किसान स्मृति दिवस” में दीया जलाकर किसानों को याद किया।
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई...
मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि आप सब के जीवन में खुशहाली और तरक्की धारा बहती रहे और एक मजबूत अखण्ड समाज का निर्माण हो।
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